तिर्यक् रूप का अर्थ
[ tireyk rup ]
तिर्यक् रूप उदाहरण वाक्य
परिभाषा
संज्ञा- किसी शब्द में विभक्ति या अव्यय लगने से पहले उसका बनने वाला रूप:"लड़का का तिर्यक् रूप है - लड़के"
पर्याय: तिर्यक रूप, अप्रत्यक्ष रूप, परोक्ष रूप
उदाहरण वाक्य
अधिक: आगे- पुंलिंग और स्त्रीलिंग शब्दों का बहुवचन तिर्यक् रूप - आँ होता है , बाताँ, कुड़ियाँ, मुड्याँ, पथराँ, साधुआँ।
- पुंलिंग और स्त्रीलिंग शब्दों का बहुवचन तिर्यक् रूप - आँ होता है , बाताँ, कुड़ियाँ, मुड्याँ, पथराँ, साधुआँ।
- हूअ , हू, तिर्यक रूप उहो, उहे; पुँ. ही अथवा हीउ (यह, ये) तिर्यक् रूप हि, हिननि; स्त्री. इहो, इहे, तिर्यक् रूप इन्हें।
- हूअ , हू, तिर्यक रूप उहो, उहे; पुँ. ही अथवा हीउ (यह, ये) तिर्यक् रूप हि, हिननि; स्त्री. इहो, इहे, तिर्यक् रूप इन्हें।
- विशेषणों में ओकारांत शब्द विशेष्य के लिंग , कारक के तिर्यक् रूप, और वचन के अनुरूप बदलते हैं, जैसे सुठो छोकरो, सुठा छोकरा, सुठी छोकरी, सुठ्यनि छोकर्युनि खे।
- विशेषणों में ओकारांत शब्द विशेष्य के लिंग , कारक के तिर्यक् रूप, और वचन के अनुरूप बदलते हैं, जैसे सुठो छोकरो, सुठा छोकरा, सुठी छोकरी, सुठ्यनि छोकर्युनि खे।
- हिंदी में संज्ञापद में बहुवचन के तिर्यक् रूप में परसर्ग की उपस्थिति अनिवार्य है और यह सूचना हमें शब्दवृत्त में की गई उसकी प्रविष्टि से अनायास ही मिल जाती है .
- माँ , आऊँ (मैं); अर्सी (हम); तिर्यक क्रमश: मूँ तथा असाँ; 2. तूँ; तव्हीं, अब्हीं (तुम); तिर्यक रूप तो, तब्हाँ; 3. पुँ. हू अथवा ऊ (वह, वे), तिर्यक् रूप हुन, हुननि; स्त्री.
- पुंलिंग एकवन शब्दों की आकारांत रचना और इनसे विशेषण और क्रिया का सामंजस्य , संज्ञाओं और सर्वनामों के प्रत्यक्ष और तिर्यक् रूप, क्रियाओं कालादि भेद से जुड़नेवाले प्रत्यय दोनों भाषाओं में प्राय: एक से हैं।
- पुंलिंग एकवन शब्दों की आकारांत रचना और इनसे विशेषण और क्रिया का सामंजस्य , संज्ञाओं और सर्वनामों के प्रत्यक्ष और तिर्यक् रूप, क्रियाओं कालादि भेद से जुड़नेवाले प्रत्यय दोनों भाषाओं में प्राय: एक से हैं।